दोस्तो आज की हमारी पोस्ट उन खूबसूरत लम्हों के नाम है जब आसमान से बरसती बूंदें दिल को सुकून देती हैं और यादों को ताज़ा कर जाती हैं। अगर आपको भी बारिश से प्यार है और आप अपनी feelings को शायरी में बयां करना चाहते हैं, तो ये पोस्ट आपके लिए है। यहाँ हम लेकर आए हैं सबसे रोमांटिक, उदास और दिल को छू जाने वाली Barish Shayari in Hindi, जो कभी मोहब्बत की भीगी बातें करेंगी तो कभी तन्हाई की कहानी कहेंगी। साथ ही इस पोस्ट में आपको मिलेंगी HD Barish Shayari Images, जिन्हें आप Instagram, Facebook और WhatsApp Status पर शेयर कर सकते हैं.
Barish Shayari in Hindi बारिश पर शायरी
🌧️ तेरे दीदार से पहले की बात है,
हम जैसे लोग ☁️ बारिश से दूर रहा करते थे। 😢
💦 एक तो ये बारिश जो रात भर बरसती रही,
दूसरी मेरी आंखें 👁️ तुझे देखने को तरसती रही। 🥀
🥀 जब भी बारिश मेरी आंखों में उतर जाती है,
बादलों में तेरी तस्वीर 🌥️ उभर जाती है। 💔
🥀 मौसम है बारिश का, और याद तुम्हारी आती है,
बारिश के हर क़तरे से 💌 फ़रियाद तुम्हारी आती है। 🌧️
💞 वो मिली ऐसे कि कभी दूर ही नहीं होगी,
और वो दूर ऐसे हुई 😶 जैसे कभी मिली ही नहीं हो। 🌪️
🥀 तेरे जाने से किसी पौधे की तरह मुरझा गई थी मैं,
तेरे आने से लगा 🌧️ कि आ गई हो बारिश फिर से।
⛈️ जाने कौन भीगने से रह गया शहर में,
जिसके लिए रह रह के 🌧️ लौट रही है बारिश। 🌃
🏖️ बना कर उसने मेरे संग रेत का महल,
ना जाने क्यों उसने ⛈️ बारिश को खबर कर दी। 🏰
🧱 कच्ची मिट्टी का बना होता है उम्मीद का घर,
ढह जाता है 🧱 हकीकत की बारिश में। 💧
🚪 मैं जानता हूँ कहानी का आखिरी मंजर,
मैं रोकता रहूँगा 🌧️ और वो चली जाएगी। 🥀
😔 बारिश से ज़्यादा नमी है इन आंसुओं की बूंदों में,
लोग बंद कमरों में 🌧️ अक्सर भीग जाते हैं।
💧 ये बूंद बूंद सी बारिश किसी की यादों की,
मेरे सब्र का कच्चा मकान 🏚️ गिराएगी। 💔
🍂 फिर बारिश तो होनी ही थी,
हवाओं को दुख 🌬️ सुनाए थे मैंने। 😞
🌦️ इन बादलों सा है इश्क़ जनाब,
जो मनमर्जी बरस जाता है, ❤️ वरना वर्षों आशिक़ तरस जाता है। 🕰️
🌈 बारिश का मौसम मुझे इसलिए भाता है,
अंदर और बाहर का मौसम ☁️ एक जैसा हो जाता है। 💖
🙏 सुना है कबूल होती है दुआ बारिश में,
इजाजत हो तो ❤️ मांग लूं तुमको। 🌧️
😇 कभी जी भर के बरसना, तो कभी बूंद-बूंद के लिए तरसाना,
ऐ बारिश, तेरी आदतें 🤷 मेरे यार जैसी हैं। ☔
🌊 मैं वह शहर था जिसे पानी की हवस ले डूबी,
तू वो बादल था ⛅ जो कभी टूट कर बरसा ही नहीं। 🫤
👀 तेरे दीदार की तलब में भीगते रहे,
वरना मौसम तो 🌤️ कभी का सूख गया था। 🥀
📚 सुनते रहते थे मोहब्बत के फसाने क्या क्या,
बूंद भर दिल पे ना ☁️ बरसी ये घटा कैसी थी। 🤔
🗣️ सब कहते हैं फिर से कर लो मोहब्बत,
भला दूसरी बारिश से 🌧️ मिट्टी महकती है कभी? 🌱
👤 फितरत तो कुछ यूं है इंसान की,
बारिश खत्म हो जाए तो ☔ छतरी बोझ लगती है। 😅
❓ क्या ज़िद है इन बूंदों की भी,
ज़मीन को मिटाने चली हैं 💦 आसमान से टूट कर। ⚡
📝 मासूम मोहब्बत का बस इतना फ़साना है,
कागज़ की हवेली है, 🌧️ बारिश का बहाना है। 🥹
🚪 उसने बारिश में भी खिड़की खोलकर देखा नहीं,
भीगने वालों को ☔ कल क्या-क्या परेशानी हुई। 🧍
🥀 शायरों की महफिल में कदम रखा तो जाना,
कि मेरे शहर से ज़्यादा ❤️ बारिश इनके दिलों में होती है। 🌧️
🙋 हमसे ना पूछो मिज़ाज बारिश का,
हम जो कच्चे मकान वाले 🏠 हैं। 💦
🏘️ बारिश का शौक़ रखते हो,
मतलब पक्के मकान वाले हो। 😉
⚖️ हाकिम को मेरे हाल से रग़बत नहीं कोई,
बारिश का सर पे जोर है ☁️ और छत नहीं कोई। 😞
🍷 दो बूंद बारिश की क्या बरसी इस शहर में,
किसी को जाम तो किसी को ☔ नाम याद आ गए। 🥀
🌧️ कभी कभी बारिश इस बात की भी होती है,
कि कोई अपना भी अंदर से 🥀 टूट रहा होता है। 💔
🥀 नज़रे यूँही नहीं ढूंढती तुम्हें,
इन्हें भी सुकून की 🌧️ तलाश है। 🕊️
🥀 ख़्वाहिशों के बोझ में तू क्या कर रहा है,
इतना तो जीना भी नहीं, ☠️ जितना तू मर रहा है। 🥀